एक समय की बात है एक मोहल्ले में एक पागल रहता था। उसे अच्छे दोस्त की जरूरत थी पागल की उम्र 18 साल की थी। लेकिन पागल एक दम साफ सुथरा रहता था । पागल को लगा मे अकेला रहता हूं कोई दोस्त हि बना लु यह सोचकर पागल दोस्त ढुंढने के लिए निकल पड़ा तो मोहल्ले में छोटे छोटे बच्चे खेल रहे थे। पागल ने बच्चों को बोला मुझसे दोस्ती करोगे। बच्चे पागल को देखकर डर गये और वहां से भाग गए ।
यह देखकर पागल बहुत उदास हुआ। पागल आगे चला तो पीछे से बच्चों ने पत्थर फेंकेना शुरू कर दिया । पागल न उन्हें बहुत समझाया में आपसे दोस्ती करना चाहता हूं लेकिन बच्चों को क्या पता दोस्ती के बारे में यह बात पागल को पता नहीं था वो हर किसी से दोस्ती करने के लिए निकल पड़ा पागल के पैर पर पत्थर कि लगी तो खुन निकल आया।
यह देखकर पागल रोने लग गया काफी अन्दर से दुखी होआ सामने से बुढा आदमी आ रहा था। उसने बच्चों को डांटते हुए भगा दिय। पागल के पैर में खुन देखकर बुढे आदमी ने अपने रुमाल को फाड़कर पट्टी बांध दी पागल को थोड़ा बहुत आराम मिला और खुश हुआ।
पागल ने सोचा इस बुढे ने मेरी मदद की शायद ये मुझसे दोस्ती कर लेगा। पागल ने बुढे आदमी से बोला आप मेरे दोस्त बन जाओ बुढे आदमी ने पागल समझकर बात को इग्नोर कर दिया। और बुढा आदमी वहां से चल पड़ा लेकिन बुढे आदमी को क्या पता यह दोस्त बनाने के लिए घर से बाहर निकला है । पागल थोडा और मायुस हुआ।
पागल ने हिम्मत नहीं हारी पागल चल पड़ा एक स्टेडियम के पास जाकर खड़ा हो गया। वहां कुछ लड़के किक्रेट खेल रह थे पागल ने सोचा ये लड़के मेरे नाप के है शायद मुझसे दोस्ती कर ले।
पागल ने एक प्लानिंग बनाई शायद इसे युज करो यह सोचकर पागल स्टेडियम में घुस गया। सीधा पिच पर जाकर खड़ा हो गया। और कहा तुम मे से धोनी कौन है यह सुनकर सभी खिलाड़ी हंसने लगे खिलाड़ीयों ने सोचा पागल है कुछ भी बोल देता है फिर पागल ने कहा तुम मे से धोनी कोन है तो खिलाड़ीयों ने कहा कोई भी नहीं है पागल ने कहा मैं हूं धोनी क्या मुझसे दोस्ती करोगे फिर खिलाड़ी पागल पर हंसने लगे।
पागल ने सोचा यहां तो अपनी प्लानिंग काम नहीं आयी।स्टेडियम गार्ड ने पागल को स्टेडियम से बाहर निकाल दिया पागल को बहुत दुख हुआ।
लेकिन पागल हार नहीं माना और आगे चलते गया चलते चलते एक गांव में घुस गया। जहां पर एक बहुत बड़ी पुरानी हवेली दिखी जिसमें सेठ लोग रहते थे। पागल को भुख प्यास लगने लगी पागल ने सोचा सेठ लोग खाना तो दे देंगे।
पागल ने हिम्मत बढ़ाई ओर हवेली की तरफ रुख कर लिया। और हवेली के पास जाकर खड़ा हो गया। सिपाही ने पूछा कौन हौ पागल ने कहा खाने की भुख लग रही हैं कुछ खाना चाहिए ये बात सुनकर सिपाही ने कहा तुम थोड़ी देर डटो में अभी आता हूं ।
सिपाही सीधा सेठ के पास गया और कहा सेठजी बाहर एक पागल आया हूआ है । सेठजी बोले क्या बोल रहा है। सिपाही बोला सेठजी खाना मांग रहा है और मुझे तो उसके चेहरे से पता लग रहा है वो तीन चार घंटे का भूखा है।सेठजी ने कहा उसको अन्दर लेके आओ सिपाही पागल को अन्दर लेकर आया तो पागल ने सेठजी की तरह हाथ जोड़े यह देखकर सेठजी के अन्दर से एक दर्द भरी आह निकली।
सेठजी ने पागल के लिए सबसे पहले पीने का पानी मंगवाया उसके बाद उसके हाथ धुलाये सेठजी ने पागल के लिए स्पेशल खाना बनवाया । थोड़ी देर बाद खाना बनकर आ गया पागल भूख के मारे खाना जल्दी जल्दी खा रहा था सेठजी समझ गया कि कई देर का भूखा है पागल ने खाना खाकर अपने हाथ और मुंह धो लिया।
सेठजी अपने सिपाही को अपने पास बुलाया और कहा इसके लिए खाना पैक करवा दो कुछ ये रुपये दे दो पागल को खाना पैसा दिया गया तो मना कर दिया और कहा मुझे यह नहीं चाहिए अब क्योंकि पागल को तो दोस्त चाहिए था।
सेठजी ने कहा अब क्या चाहिए तुझे पागल ने कहा आप मेरे दोस्त हो जाइए ये सुनकर हवेली में सन्नाटा सा छा गया सेठ तो सेठ ही होता उसका रूतबा इज्जत बड़ो बड़ों की बोलियां बंद हो जाती है सेठजी के सामने।
सेठजी ने चतुराई दिखाते हुए अपने कमरे में चले गए। उसके बाद सेठजी ने सिपाही को बुलाया और कहा पागल से कह दे सेठजी कि तबियत खराब हो गई है यह कर उसको बाहर निकाल दे सिपाही ने सेठजी की बात को मान कर पागल को बाहर निकाल दिया गया ।
सेठजी को पता है पागल की हाय हमें बर्बाद कर देगी।लेकिन पागल वहां भी उदास हुआ। पागल आसमान की तरफ़ अपना चेहरा किया और रोने लग गया रो रो कर पागल ने ईश्वर से कहने लगा मालिक तुने मुझे पैदा क्यों किया जब तु मेरा दोस्त नहीं बना सकता तो लोग मुझ पर हंसते हैं पत्थर मारते हैं घर से बाहर निकाल देते पागल रोता रोता पहाड़ों के पास चला जाता है और वहां रुक जाता है।
पागल को पहाड़ में एक गुफा दिखती है। गुफा में जाकर उसमें बैठ कर रोने लग जाता है बार बार पागल ईश्वर को यही कहता है तुने मुझे इस मतलबी दुनिया में पैदा क्यों किया लोग मुझे पर हंसते हैं मारते हैं पागल के मुंह से बार बार यही बात निकलती है।
पागल कि आवाज सुनकर ईश्वर को दुनिया के लोगो पर क्रोध आ गया। ईश्वर ने एक नेक इंसान से कहा एक गांव में जाओ और उनको जाकर कहो कि अब एक भयंकर तूफान आने वाला है उसमें पुरी दुनिया नष्ट होने वाली है अगर तुम इस तुफान से बचना चाहते हो तो तुम्हे सिर्फ वो पागल ही बचा सकता है जो तुम्हारे गांव का है।
नेक इंसान सेकंडो में उस गांव में पहुंच गया। ईश्वर ने जो बात बताई नेक इंसान ने पुरी कि पुरी बात गांव वालों को बता दी अब गांव में अफरा तफरी का माहौल हो गया सब डरने लग गये लोगों ने खाना पकाना सब कुछ छोड़ दिया मौत से डरने लग गए।
पागल का कोई अता पता नहीं था। सब परेशान हो गए गांव में एक बहादुर आदमी निकल कर आया उसने राय दी हमारे गांव के पास एक गांव है जहां पर एक हवेली है उस हवेली में सेठजी रहते हैं।
पुरा गांव सेठजी कि हवेली में पहुंच गया सेठजी को पूरी बात बताई सेठजी समझ गया पागल की आह ने हमें आज य दिन दिखा दिया।
सेठजी ने अपने कमरे में उस सिपाही को बुलाया जिसने पागल को हवेली से बाहर निकाल था । सिपाही से पुछा पागल किस तरफ गया था सिपाही ने बता दिया सामने वाले रास्ते से गया था।
गांव वाले सेठजी का इंतजार कर रहे थे। सेठजी कमरे से जल्दी आ जाये और हमे इस भयंकर तूफान से बचा दे। सेठजी बाहर आये गांव वालों को तसल्ली दी और कहा हम पागल को एक घंटे में ढुंढ लेंगे।
सेठजी ने सभी सिपाही को पागल को ढूंढने के लिए भेज दिया। काफी देर तक ढूंढा पागल को लेकिन पागल का कोई अता पता नहीं था। सिपाही हवेली में आ गए और कहा सेठजी हमने सभी जगह पागल को ढूंढा कही नहीं मिला।
यह बात सुनकर गांव वालों के दिल में घबराहट होने लग गई सब अपने बच्चों कि तरफ देख देख कर रो रहे थे सेठ जी ने फिर से गांव वालों को दिलासा दिया कि हम जल्दी ही पागल को ढूंढ निकाल लेंगे सेठजी के बोलने पर गांव वालों का मन हल्का होता था हिम्मत भी आती थी।
सेठजी ने उस सिपाही को बुलाया जिसने पागल को बाहर निकाला था लेकिन वो सिपाही हवेली पर अभी तक आया हीं नहीं था सेठजी समझ गये वो जरूर उसका पता करके आएगा सिपाही उस रास्ते से गया जिस रास्ते से पागल गया था।
सिपाही पहाड़ो की ओर बढ़ा और वहां पर ही ढुढने लगा।सिपाही को काफी टाइम हो गया था पागल को ढूंढते ढूंढते सिपाही एकदम सा थक गया था सिपाही ने भी हिम्मत तोड़ दी थी।
सिपाही हवेली की और जाने लगा कुछ कदम के बाद पहाड़ों कि गुफा में स रोने की आवाज सुनाई दी अब सिपाही समझ गया कि पागल गुफा में है सिपाही गुफा कि और धीरे धीरे बढा और पागल को गुफा में देखकर सिपाही वहां से चुपचाप निकल आया हवेली में।
सेठजी सिपाही को देखकर खड़े हो गए फटाफट सिपाही की और चल पड़े। सेठजी सिपाही से पूछा क्या पागल का पता चला सिपाही ने हां किया।
सेठजी ने सिपाही से कहा पागल कहा है सिपाही ने कहा पहाड़ों कि गुफा में बेठकर रो रहा है। गांव वाले सिपाही की बात सुनकर पहाड़ कि गुफा की और दौड़ पड़े गांव वालों ने पागल को गुफा से बाहर निकाला और हाथ जोड़कर पागल से माफी मांगना शुरू कर दिया और पागल से कहने लग गए हमे बचा लो भयंकर तूफान से पुरा गांव पागल को देख देख कर रो था।
पागल को रहम आ गया । पागल ने कहा कौन कौन है मेरा दोस्त सबने कहा हम आपके दोस्त हैं पागल ख़ुश हो गया ओर सभी को मांफ कर दिया पुरे गांव को भयंकर तूफान से बचा लिया और पुरा गांव पागल का दोस्त हो गया।
दोस्तों इस काहनी से हमें क्या सीख लेनी चाहिए comment में अपनी राय जरूर रखिए
THANK you dosoto
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